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Utkarsh Bisht

छात्रसंघ अध्यक्ष डीएसबी परिसर, नैनीताल (उत्तराखण्ड)

उत्कृष्ट बिष्ट का उत्कृष्ट प्रदर्शन

सरोवर नगरी नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में 2023 के छात्रसंघ चुनाव में उत्कर्ष बिष्ट छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इस बार डीएसबी परिसर में सम्पन्न हुए चुनाव में कुल पंजीकृत कुल 4300 मतदाताओं में से 2309 ने मत का प्रयोग किया।

अध्यक्ष पद पर एबीवीपी यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी उत्कृष्ट बिष्ट को 1118 मत प्राप्त हुए। वहीं काले झंडे के बैनर से अध्यक्ष पद की दावेदारी करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी मोहित बिष्ट को 888 मत प्राप्त हुए। दूसरी ओर एनएसयूआई के प्रत्याशी रोहित जोशी को 280 मत मिले। एबीवीपी के प्रत्याशी उत्कृष्ट बिष्ट ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय प्रत्याशी मोहित बिष्ट को 230 मतों से हराकर बाजी मारीl वहीं हिमांशु महरा सचिव, हेमा रैखोला छात्रा उपाध्यक्ष, प्रखर श्रीवास्तव छात्र उपाध्यक्ष, कमल गौड संयुक्त सचिव तथा आकांक्षा खनायत सांस्कृतिक सचिव निर्वाचित हुये हैं।

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उत्कृष्ट के जीत का अर्थ

नैनीताल स्थित, कुमाऊं विश्वविद्यालय के मुख्यालय, देव सिंह बिष्ट परिसर में पिछली बार के छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई से अलग होकर काले झंडे के बैनर तले लड़े प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। परंतु इस बार काले झंडे का प्रत्याशी दूसरे स्थान पर जबकि एनएसयूआई प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा है। चुनाव में अध्यक्ष पद पर उत्कृष्ट बिष्ट ने जीत दर्ज कर यह सीट वापस विद्यार्थी परिषद झोली में डाल दी है।

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व्यक्तिगत परिचय

कौन हैं उत्कृष्ट बिष्ट ? उत्कृष्ट एमए पूर्वाद्ध के छात्र हैं। वह सरल, सौम्य और विनम्र स्वभाव के धनी हैं। ऊर्जावान उत्कृष्ट बिष्ट कुशल संगठनकर्ता और प्रखर वक्ता रहे हैं। उन्होने विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं में एक अलग राजनीतिक पहचान बनाई है।

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विनिंग फेक्टर

भविष्य में समाज सेवा की चाह रखने वाले उत्कर्ष बिष्ट सहयोग, छात्रों की सहभागिता और सरोकार आधारित राजनीति का समर्थन करते हैं। वह 'गुंडागर्दी, धन और बाहुबल की राजनीति को खारिज  करते हैं।

उत्कर्ष का व्यक्तित्व (मिलनसार व्यक्तित्व) विनिंग फेक्टर रहा। उन्हें पुराने छात्र नेताओं का भी खासा समर्थन मिला और परिणाम भी अपेक्षा के अनुरूप। इसके कारण विश्वविद्यालय परिसर में एबीवीपी ने कई साल बाद जीत दर्ज की है और एनएसयूआई तीसरे स्थान पर पिछड़ गई।

पुराने दिग्गज छात्र नेता मानते हैं कि एबीवीपी के जीतने का साफ मतलब है कि विश्वविद्यालय परिसर में संगठन का आधार मजबूत है और हाल के वर्षों में युवा छात्र छात्राओं में इस संगठन के प्रति रुझान बढ़ा है। यद्यपि इस बार सोशल साइट्स और मोबाइल पर प्रचार का ट्रेंड रहा पर सभी संकायों तक उत्कर्ष बिष्ट के प्रचार में छात्राओं की भूमिका प्रभावी रही।

अपनी जीत के कारणों को जोड़ते हुए उत्कर्ष कहते हैं कि संघर्ष ही परिषद की पहचान और आधार है। इसी कारण से देश और प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के छात्र संघ चुनाव में विद्यार्थी परिषद की जीत होती रही है। उत्कर्ष बिष्ट मानते हैं कि संगठन का अनुशासन और छात्र हित के प्रति समर्पण ही जीत का मंत्र है।

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प्राथमिकताएं

अब आगे करेंगे क्या ? स्पष्ट सोंच और कीलियर विजन वाले उत्कर्ष कहते हैं कि स्टूडेंट्स के लिए बेहतर सुविधाएं जुटाना उनका मीसन होगा। वह ग्रीन  कैंपस व क्लीन कैंपस की मुहिम चलाएंगे। इसके लिए कैंपस में शिक्षक, कर्मचारी व स्टूडेंट्स के बीच सामंजस्य स्थापित कर प्लानिंग की जाएगी।

भविष्य की संभावना

यूनिवर्सिटी कैंपस राजनीति की पहली पाठशाला होती है। छात्र राजनीति ने प्रदेश में कई ऐसे राजनीतिक चेहरे दिए हैं जो सांसद, विधायक रहे हैं एवम प्रदेश और केंद्र में मंत्री तक बने हैं। प्रदेश में बड़े स्तर के नेता तैयार करने में कुमाऊं विश्वविद्यालय सबसे आगे रहा है। हालांकि छात्रसंघ की राजनीति से निकलकर प्रदेश की राजनीति तक का रास्ता तय करने में संघर्ष बहुत है, उत्कर्ष बिष्ट में भविष्य की संभावना दिखती है।

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