aryan group

Aryan Group

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आर्यन (ग्रुप) छात्र संगठन उत्तराखंड का स्थानीय छात्र संगठन है। यह संगठन उत्तराखंड की युवा छात्र शक्ति को संगठित करने का काम करता है और छात्रों के बीच नेतृत्व पैदा करने का काम करता है।

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स्थापना और विकास

आर्यन छात्र संगठन 14 को अपने स्थापना दिवस के रूप में मानता है। इसकी स्थापना 2006 में हुई थी। देहारादून के कुछ युवा छात्रों ने इसकी स्थापना की। आज यह एक प्रमुख संगठन का रूप ले चुका है।

संगठन की शुरुआत डी.ए.वी. कॉलेज में राकेश नेगी के छात्र संघ सचिव बनाने से हुई। 2006 में छात्र संघ जीतने के बाद राकेश और उनके साथियों ने आस पास के छात्रों को संगठित करने का काम किया और अपने ग्रुप (आर्यन ग्रुप) को एक संगठन का स्वरूप दिया। इसके बाद यह संगठन कई छात्र नेताओं के जीत का कारक बना।  प्रारभ में यह संगठन मात्र देहारादून के कुछ कॉलेजों तक सीमित था, परंतु धीरे धीरे इस संगठन का विस्तार प्रदेश के अन्य जिलों में भी हो गया। इसके अधिकृत प्रत्यसी प्रदेश के कई कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। आज यह एक संगठित छात्र आंदोलन का रूप ले चुका है।

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राकेश कहते हैं -

मैं अकेला चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर ... लोग मिलते गए, कारवाँ बनता गया

संगठन का प्रभाव

प्रदेश की छात्र राजनीति में आर्यन छात्र संगठन का विशिष्ट स्थान है। आज प्रदेश के नौ जिलों - देहरादून, उत्तरकाशी ,चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा,चंपावत एवं पिथौरागढ़ में आर्यन छात्र संगठन के हजारों सक्रिय कार्यकर्ता हैं। इसकी कार्यकरणी (गढ़वाल) और (कुमांऊ) मंडल में कार्य कर रही है। आर्यन छात्र संगठन लगातार अपने कार्यक्षेत्र में विस्तार लाने का प्रयास कर रहा है और इसके लिए निरंतर नये छात्रों को संगठन से जोड़ने का काम भी कर रहा है

किसी भी संगठन की सफलता का मापदंड विचारधारा का फैलाव है पर स्वतंत्र छात्र संगठनों के लिए यह अधिक से अधिक स्थानों पर जीत हासिल करने से है।  राकेश नेगी, भगवती प्रसाद, नितिन चैहान, आकाष गौड, सचिन थपलियाल, आदि आर्यन छात्र संगठन के वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं। इन सब ने छात्र राजनीति से अपनी पहचान बनाई है।

अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद संगठन के सभी पूर्व कार्यकर्ता  लगातार कॉलेज आते रहते हैं और संगठन से जुड़े कार्यक्रमों में न केवल एक्टिव रहते हैं बल्कि अपना सहयोग भी करते हैं। संगठन के वर्तमान कार्यकर्ताओं का भी संपर्क के लिए अपने शुभचिंतकों के यहां आना-जाना जारी रहता है।

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कार्यक्रम

अपने स्थापना काल से ही आर्यन छात्र संगठन शैक्षिक व सामाजिक मुद्दों पर कार्य कर रहा है। इस संगठन ने छात्रों के हित से जुड़े मुद्दों के लिए सकारात्मक और रचनात्मक राजनीति की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

छात्र राजनीति के अलावा संगठन सामाजिक कार्यों में भी योगदान कर रहा है। आज यह संगठन क्षेत्रीय समस्याओं को उठाने के साथ-साथ शिक्षा, पर्यावरण सुरक्षा, कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह और भारतीय संस्कृति की रक्षा जैसे मुद्दों पर कार्य कर रहा है। आर्यन बुक बैंक के माध्यम से गरीब छात्रों को पुस्तकें दी जाती हैं। इसके अतिरिक्त संगठन आर्यन ब्लड बैंक, आर्यन अनाज बैंक और अन्य कई योजनाओं के माध्यम से लोगों से जुड़ने का प्रयास कर रहा है।

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राजनीतिक उपलब्धियां

आर्यन छात्र संगठन के प्रमुख कार्यकर्ता आज भी छात्र राजनीति से जुड़े हैं परंतु गैर राजनैतिक नहीं हैं। छात्र संघों में लगातार मिलती जीत से उत्साहित होकर आर्यन के बैनर तले छात्र संघ में जीते प्रत्याशियों ने अपनी बढ़ती लोकप्रियता और क्षेत्रीय प्रभाव का लाभ लेकर स्थानीय राजनीति को प्रभावित करना शुरू कर दिया। राष्ट्रीय पार्टियों के प्रति लोगों की बढ़ती उदासीनता भी इनके राजनैतिक प्रभाव के विस्तार का कारण बना। विगत वर्षों में इस संगठन ने स्थानीय चुनावों में स्थापित राजनीतिक दलों को सफल चुनौती दी है। इस संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं ने स्थापित संगठनों वर्चस्व के बीच पंचायत चुनावो में अपना परचम भी लहराया और जीतने में सफल भी रहे। इस प्रकार यह छात्र संगठन अब ‘राजनैतिक संगठन’ बन गया है। अब आर्यन के कार्यकर्ता विधानसभा की तरफ अपनी नज़र गड़ाये संकल्पबद्ध दिखाई दे रहे हैं। प्रदेश में बढ़ती बेरोज़गारी, स्वास्थ्य, सड़क और शिक्षा की स्थिति उन्हें आंदोलित करती रहती है।

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