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Ashish Kumar

छात्रसंघ अध्यक्ष राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बागेश्वर

छात्र राजनीति

वर्ष 2022 में सम्पन्न हुए छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी के आशीष कुमार ने एनएसयूआई के प्रकाश सिंह वाच्छमी को 413 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। आशीष कुमार को 824 मत प्राप्त हुए जबकि प्रकाश सिंह वाच्छमी को 411 मत प्राप्त हुए।

यद्यपि अध्यक्ष पद पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना थी इसको देखते हुए कांटे की टक्कर होने की उम्मीद थी लेकिन आशीष कुमार ने इस संभावना को दरकिनार करते हुए जीत दर्ज किया। निर्दलीय प्रत्याशी हेमलता लोहार तीसरे स्थान पर रहीं। हेमलता लोहार को 240 मत मिले।

तीन साल के इंतजार के बाद हुए छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई के हाथ निराशा लगी और 2014 के बाद से अध्यक्ष पद से दूर रहने वाले छात्र संगठन का इंतजार फिर बढ़ गया।

छात्रसंघ चुनाव की शुरुआत से ही एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच कड़ी टक्कर के आसार थे लेकिन जिस तरह से निर्दलीय प्रत्याशी ने सितंबर से चुनाव को लेकर जोरशोर से तैयारी शुरू की थी उससे कुछ अप्रत्याशित नतीजे आने की भी संभावना थी। कॉलेज में छात्रों के मुकाबले छात्राओं की संख्या अधिक होना भी एकमात्र छात्रा प्रत्याशी के पक्ष को मजबूत कर रहा था लेकिन एबीवीपी की संगठनात्मक शक्ति काम कर गई।

एनएसयूआई प्रत्याशी ने भी अपने पक्ष में जोरशोर से प्रचार किया था। उन्होंने पूर्व में छात्रहितों के लिए किए गए संघर्ष का भी खूब प्रचार किया, लेकिन उनकी कोशिशें काम नहीं आईं। आशीष कुमार की इस जीत से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को बार फिर कॉलेज में अपना झण्डा लहराने का अवसर मिला। एबीवीपी की जीत का राज है उसकी संगठनात्मक मजबूती। इस बार भी संगठन की शक्ति के बल पर एबीवीपी ने बाजी मारी।

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पारिवारिक और सामाजिक पृष्ठभूमि

आशीष एक सामान्य परिवार से आते हैं। राजनीति में उनकी गहरी अभीरुचि रही है। जब से वह इस कॉलेज में आए तभी से  छात्र-छात्राओं के बीच रहकर काम करना शुरू किया। बच्चों की छोटी या फिर कोई भी बड़ी समस्या को उन्‍होंने हल किया। छात्र-छात्राओं ने उन्हें काफी प्यार दिया है।

उनका कहना है कि वह लगातार कॉलेज में काम कर रहे थे और आगे भी वह कॉलेज में ही रहकर छात्रों के बीच काम करेंगे।

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राजनैतिक पृष्ठभूमि

आशीष कुमार छात्र छात्राओं की समस्याओं समाधान के लिए सदैव तत्पर और सदैव संघर्षरत रहे हैं। उनकी पहचान एक संघर्षशील छात्र नेता के रूप में रही है।

आशीष लंबे समय से एबीवीपी के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। पूर्व में उन्होने संगठन के नगर मंत्री आदि कई दायित्वों का निर्वहन किया है। आशीष एबीवीपी के रचनात्मक, संगठनात्मक और आंदोलनात्मक कार्यों में विशेष रूप से सक्रियता प्रदर्शित की  है। कोरोना काल में उन्होने सेवा कार्यों में भी विशेष योगदान दिया।

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छात्रसंघ की प्राथमिकताएं

महाविद्यालय में लगभग 2500 छात्र आध्यानरत हैं। यह कॉलेज इस क्षेत्र का पुराना और प्रतिष्ठित कॉलेज है पर दुर्भाग्यवस यहाँ सुविधाएं कम और समस्याएं ज्यादा हैं। अपनी प्राथमिकताओं को गिनाते हुए छात्र संघ अध्यक्ष आशीष कुमार ने कॉलेज में पानी के लिए ट्यूबवेल लगवाने और बंद पड़े छात्रावास को खुलवाने की बात कही। उन्होने प्रत्येक विषय के दो-दो प्राध्यापक नियुक्त करने के लिए शासन पर दबाव बनाने की भी बात कही। इसके साथ ही उन्होने महाविद्यालय में और अधिक विद्यार्थियों में प्रवेश दिलाने, पुस्तकालय में पर्याप्त पुस्तकों की उपलब्धता करवाने की बात कही। कॉलेज के खेल स्टेडियम के निर्माण करवाना भी उनकी प्राथमिकता होगी।  

राजनीति की पहली सीढ़ी छात्र राजनीति से शुरू होती है इसकी एक झलक हल ही में एक विवाद में देखने को मिली।

उत्तरायणी मेले के उपलक्ष्य में इस बार पर्यटकों और श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से मेला व बागनाथ नगरी के दर्शन का अवसर प्रदान किया गया। इसका संचालन महाविद्यालय मैदान से किया जा रहा था।

कालेज परिसर के खेल मैदान से हेलिकॉप्टर सेवा शुरू किए जाने से छात्र संघ नाराज हो गया । छात्रसंघ पदाधिकारियों ने बिना कॉलेज प्राचार्य की सहमति के हेलीकॉप्टर सेवा संचालित किए जाने पर अपना विरोध दर्ज किया। छात्रसंघ अध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवा से महाविद्यालय के खेल के मैदान को नुकसान पहुंच रहा है। यद्यपि बाद में जिलाधिकारी अनुराधा पाल द्वारा छात्र नेताओं से वार्ता कर इस गतिरोध को दूर किया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तरायणी मेला बागेश्वर ही नहीं पूरे उत्तराखंड का प्रसिद्ध मेला है। जिसकी धार्मिक व पौराणिक महत्ता है। उन्होंने कहा कि यह मेला सभी का है, इसलिए इसे भव्य व आकर्षक बनाने में सभी का सहयोग जरूरी है।

जिलाधिकारी ने हैलीकाप्टर सेवा के कारण महाविद्यालय मैदान को पहुंच रही क्षति की भरपाई के लिए एक लाख रुपये की धनराशि प्रदान करने की घोषणा की, ताकि मैदान का जीर्णोद्धार हो सके। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि यदि यह धनराशि कम पड़ी, तो और भी धनराशि दी जाएगी। इसके बाद हैली सेवा महाविद्यालय के मैदान से संचालित करने पर सहमति बनी।

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