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ओम छात्र संगठन

ओम छात्र संगठन एक क्षेत्रीय छात्र संगठन है। उत्तरकाशी और आस पास के महाविद्यालयों के छात्रों बीच यह एक लोकप्रिय और प्रभावशाली छात्र संगठन है। यह स्थानीय छात्रों के क्षेत्रीय स्तर प्रस्तुत एकजुटता के प्रदर्शन से अस्तित्व में आया। क्षेत्रीय वर्चश्व और क्षेत्रीय छात्र नेताओं की राजनैतिक आशंका इस संगठन के उदय का कारण रहा है। उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में इसकी राजनीतिक और सामाजिक सक्रियता बहुत अधिक रहती है। इस लिए यह कह सकते हैं कि इस संगठन का गठन क्षेत्रीयता के आधार पर हुआ है।

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संगठन का विकास और विस्तार

क्षेत्र विशेष के छात्र नेताओं का उदय इस संगठन के विकास में सहायक रहा। क्षेत्रीयता के आधार पर इनको व्यापक समर्थन मिलता रहता है। इस लिए उदीयमान छात्र नेताओं की राजनैतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने में यह सक्षम है। छात्र राजनीति के अतिरिक्त ओम संगठन उत्तरकाशी और आस पास की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसी कारण यह अपना प्रभाव अपने क्षेत्र में बनाने में सक्षम रहे हैं। कई छात्र नेता, क्षेत्रीय समर्थन के आधार पर, अपने महत्व को बनाए रखने के लिए इस क्षेत्रीय संगठन का विस्तार किया। इसके अतिरिक्त इस संगठन ने सुदूर पर्वतीय क्षेत्र के छात्रों के समक्ष एक राजनैतिक विकल्प दिया है और स्थापित संगठनों के वर्चस्व को समाप्त कर दिया है।

वर्तमान समय में ओम छात्र संगठन के कार्यकर्ता अलग अलग कॉलेज में सक्रिय हैं और छात्र संघ चुनाव भी जीतते हैं। इस संगठन ने चुनावी सफलता के स्तर पर भी विस्तार किया है। धीरे धीरे इनमें कुछ क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक व्यक्ति (नेता) भी शामील हो गये और संगठन के जनाधार में भी काफी विस्तार हो गया। इससे उनकी राजनीतिक आकांक्षाएं भी पूर्ण होती रहती हैं।

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वैचारिक प्रतिबद्धता

ओम छात्र संगठन छात्र अधिकारों के लिए संघर्ष का प्रतीक माना जाता है। परंतु इसका कोई ठोस वैचारिक सिद्धांत नज़र नहीं आता, न हीं इनकी कोई राजनैतिक और वैचारिक प्रतिबद्धता है।

ओम छात्र संगठन के कार्यकर्ता कहते हैं यह एक रचनात्मक छात्र आंदोलन के रूप में विकसित हुआ और धीरे धीरे एक संगठन के रूप में स्थापित हो गया। छात्र छात्राओं के हित में कार्य करना ही इनका लक्ष्य है। इससे जुड़े छात्र नेता स्थानीय विषयों को प्रमुखता से उठाते हैं।

जो छात्र नेता, छात्र संघ चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं उनके लिए यह संगठन उपयोगी सिद्ध होता है।

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छात्र राजनीति में भागीदारी

महाविद्यालय की छात्र राजनीति में छात्र नेताओं का संपर्क और उनकी व्यक्तिगत छवि का विशेष प्रभाव पड़ता हैं। स्थापित संगठनों से टिकट नहीं मिलने पर कुछ छात्र नेता (अपने संगठन से) टूट कर इन संगठनों से जुडते हैं। छात्रों की सहानुभूति भी उनसे जुड़ती है। चुनाव के समय उन्हें पूर्व कार्यकर्ताओं के सहयोग और सक्रिय भागीदारी का लाभ मिलता है।

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संघर्ष और आंदोलन

एक छात्र संगठन होने के कारण ओम छात्र संगठन के छात्र नेता व्यापक छात्र हित से जुड़े विषयों पर समय समय पर संघर्ष और आंदोलन करते हैं। वे अपना स्वतंत्र अस्तित्व भी रखते हैं और कभी कभी अपने साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अन्य छात्र संगठनों से सहयोग भी करते हैं। अपने लक्ष्य की प्राप्ति और क्रियाकलापों के लिए छात्र संघ चुनाव में भाग लेना इनकी अनिवार्यता है। यद्यपि इनका किसी राजनैतिक दल से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है, कई बार इसके के छात्र नेता राजनैतिक पार्टियों को प्रभावित करने की कोशिश भी करते हैं।

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वर्तमान कार्यकारिणी

अमरीकन पुरी ओम छात्र संगठन के संस्थापक हैं। ओम छात्र संगठन की ओर से हाल ही में एक बैठक में संगठन की नवीन कार्यकारिणी की घोषणा की गई, जिसमें सर्व सम्मति से देवराज सिंह बिष्ट को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। संगठन की नवीन कार्यकारिणी के अनुसार प्रत्येन्द्र राज को उपाध्यक्ष, संजीव को कोषाध्यक्ष, गौरव, प्रीतम नेगी को सचिव, राहुल पोखरियाल को जिला संयोजक, सुमेर मटूड़ा को सह संयोजक बनाया गया है।

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