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2022 में सम्पन्न हुए छात्रसंघ चुनाव में श्री गुरु राम राय महाविद्यालय (एसजीआरआर कॉलेज), देहारादून में अध्यक्ष पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के प्रत्याशी पार्थ जुयाल ने जीत दर्ज की है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रत्याशी कुसुम लता सेमवाल को 711 मतों के अंतर से पराजित किया। इस चुनाव में पार्थ जुयाल ने 966 मत प्राप्त किए।
कोविड के कारण दो साल के बाद हो रहे छात्र संघ चुनावों को लेकर श्री गुरु राम राय महाविद्यालय (एसजीआरआर कॉलेज), देहारादून के छात्रों में खासा उत्साह रहा। इस चुनाव में श्री गुरु राम राय महाविद्यालय (एसजीआरआर कॉलेज) में एबीवीपी का पूरा पैनल जीता। उसके प्रत्यासियों ने सभी पदों पर जीत दर्ज की। इस तरह 2022 में लगभग 10 वर्षों बाद (2012 के बाद) एसजीआरआर कॉलेज में विद्यार्थी परिषद का पूरा पैनल जीतने में सफल हो पाया।
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पारिवारिक और सामाजिक पृष्ठभूमि
श्री गुरु राम राय महाविद्यालय (एसजीआरआर कॉलेज), देहारादून के छात्रसंघ अध्यक्ष पार्थ जुयाल मूलतः पौड़ी ज़िले के सतपुली खैरा के निवासी हैं। वह एक सामान्य माध्यम वर्गीय परिवार से सम्बद्ध हैं। उनकी माता श्रीमति इन्दु जुयाल एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं एवं उनके पिता विजय जुयाल निजी व्यवसाय करते हैं।
पार्थ ग्रामीण (कस्बाई) परिवेश से आते है। उनका बचपन सतपुली में ही बीता। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा सतपुली के सरस्वती विद्या मन्दिर से ही हुई। इसके उपरांत उन्होने उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए देहरादून के श्री गुरु राम राय महाविद्यालय (एसजीआरआर कॉलेज) में प्रवेश लिया। पार्थ जुयाल ने अर्थशास्त्र व इंगलिश से स्नातक की परीक्षा पास की। वर्तमान समय में वह श्री गुरु राम राय महाविद्यालय में अर्थशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर (एम.ए.) के छात्र हैं।
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वैचारिक और राजनैतिक प्रतिबद्धता
आपनी वैचारिक और राजनैतिक प्रतिबद्धता के विषय में पार्थ जुयाल कहते हैं कि वह कक्षा 9 में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संपर्क में आ गए थे। तब वे सरस्वती विद्या मंदिर अध्ययन कर रहे थे। पार्थ कहते हैं कि ‘वहीं मैंने विद्यार्थी परिषद के विषय में जाना और फिर परिषद के विचारों से प्रभावित हो कर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ग्रहण की’। समय के बीतने के साथ उनका संपर्क और संवाद परिषद के कार्यकर्ताओं से बढ़ता गया और वह विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता बन गए।
पार्थ जुयाल 2019 में श्रीगुरुराम राय महाविद्यालय (एसजीआरआर कॉलेज), देहारादून के छात्र बने और तब से वह विद्यार्थी परिषद के सभी रचनात्मक, आंदोलनात्मक और संगठनात्मक कार्यकर्मों में हिस्सा लेने लगे। इसके साथ ही वह महाविद्यालय की छात्र राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाने लगे।
श्री गुरु राम राय महाविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष चूने जाने से पूर्व पार्थ जुयाल परिषद के संगठनात्मक दायित्वों में सक्रिय रहे। पूर्व वह विद्यार्थी परिषद की महाविद्यालय इकाई के मंत्री एवं महानगर छात्रावास प्रमुख के दायित्व में रह चुके हैं।
पार्थ जुयाल के लिए श्री गुरु राम राय (एसजीआरआर कॉलेज), देहारादून के छात्रसंघ का अध्यक्ष चून जाना कम बड़ी उपलब्धि नहीं है। यहाँ तक का उनका सफर काफी संघर्ष भरा रहा है। विगत 5 वर्षों से विद्यार्थी परिषद एसजीआरआर कॉलेज के छात्रसंघ में अपना स्थान बनाने के लिए प्रयास कर रही थी। परिषद के कार्यकर्ता कॉलेज कैम्पस में छात्रों की विभिन्न समस्याओं को लेकर लगातार कार्य (संघर्ष) कर रहे थे। परंतु संगठनिक कमियों के कारण उन्हें आपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही थी। पार्थ जुयाल विनम्रता पूर्वक कहते हैं ‘मुझे लगता है कि छात्र राजनीति का दूसरा नाम ही संघर्ष है’। वह मानते हैं कि 2022 के चुनाव की जीत उनके लंबे संघर्ष और सांगठनिक विस्तार का प्रतिफल था’।
अपने पूर्व के अनुभवों को साझा करते हुए पार्थ कहते हैं कि सरस्वती विद्या मंदिर एक ऐसा संस्थान है जो छात्र छात्राओं को पाठ्यक्रम की शिक्षा के साथ साथ अन्य सामाजिक शिक्षा भी देता है। यह उन्हे संस्कारित करने के साथ साथ उनकी नेतृत्व करने की क्षमता को भी समुचित बढ़ावा देता है। विद्या मंदिर के संस्कार और विद्यार्थी परिषद का विचार ही उनकी प्रेरणा हैं।
पार्थ जुयाल विद्यार्थी जीवन के प्रारम्भ से ही संघ की शाखा में जाते रहे है। वह अपनी शाखा के मुख्य शिक्षक भी रहे हैं। पार्थ कहते हैं की उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता राष्ट्रियता और राष्ट्रवाद से जुड़ी है।
पार्थ जुयाल एक प्रखर वक्ता और कर्मठ कार्यकर्ता हैं। उन्हें बचपन से ही भाषण देना एवं राजनीतिक व सामाजिक मुद्दों में वाद विवाद करना पसंद था। विद्यार्थी परिषद से जुड़ कर उन्हे एक बड़ा मंच मिला। वह सभी समसामयिक विषयों पर प्रखरता के साथ अपने विचार रखते है।
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भविष्य की प्राथमिकताएं
एक छात्रसंघ अध्यक्ष होने के साथ साथ विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता होने के कारण पार्थ जुयाल कहते हैं कि महाविद्यालय के छात्रों की समस्याओं का समाधान एवं कॉलेज परिसर में सकारात्मक और रचनात्मक वातावरण का निर्माण उनकी प्राथमिकता होगी। वह अपने कार्य और कार्यक्षेत्र को छात्र राजनीति का नाम ना देते हुए छात्रों के बीच सक्रियता का नाम देते हैं। पार्थ का कहना है ‘मैं चाहूँगा कि महाविद्यालय में छात्र छात्राओं को उनके पाठ्यक्रम के साथ अन्य गतिविधियों जैसे खेल, कौशल विकास और प्रशिक्षण, भाषण, वाद विवाद, पर्यावरण संरक्षण आदि के अनुकूल अवसर मिले। पार्थ कहते हैं कि मैं इन सब के लिए कार्य करना चाहूँगा।
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