Ritik Pandey

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छात्रसंघ अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह महर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पिथौरागढ़

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2022 में सम्पन्न हुए छात्रसंघ चुनाव में लक्ष्मण सिंह महर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ में अध्यक्ष पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के प्रत्याशी रितिक पांडेय ने जीत दर्ज की है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रत्याशी दीपक सिंह को 340 मतों के अंतर से पराजित किया।

एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के पिथौरागढ़ परिसर में 7 हजार से ज्यादा छात्र हैं।  यह सूबे के सबसे बड़े महाविद्यालयों में से एक है। कोविड के कारण दो साल के बाद हो रहे छात्र संघ चुनावों को लेकर छात्रों में खासा उत्साह रहा, जिससे महाविद्यालय के छात्र संघ का चुनाव आकर्षक बन गया। इस चुनाव में लगभग हजार छात्रों ने मतदान किया। अध्यक्ष पद पर एबीवीपी प्रत्याशी रितिक पांडेय को 1770 मत प्राप्त हुएजबकि दीपक को 1430 मत प्राप्त हुए। रितिक ने अपने प्रतिद्वंदी को 340 वोटों के अंतर से पराजित किया।

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पारिवारिक और सामाजिक पृष्ठभूमि

रितिक पांडेय पिथौरागढ़ के एक सामान्य परिवार से आते हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के प्रत्याशी रितिक पांडेय संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। परिषद् के रचनात्मक, संगठनात्मक और आन्दोलनात्मक कार्यों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही थी। कोविड़ काल में अपने सेवा कार्यों के कारण भी रितिक चर्चित रहे थे।  रितिक अपनी कुशल कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं।  

रितिक पांडेय की सफलता के कई कारण माने जाते हैं। रितिक पांडेय की जीत का एक बड़ा कारण चुनावी समीकरण का बदल जाना माना जा रहा है।  कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए पहले एनएसयूआई से दावेदारी कर रही ज्योति पाठक ठीक चुनाव से पहले एबीवीपी में शामिल हो गई। आंतरिक समीकरणों के

कारण एनएसयूआई ने ज्योति को अध्यक्षीय उम्मीदवार नहीं बनाया। इससे नाराज ज्योति एबीवीपी में शामिल हो गयीं। उन्होंने चुनाव से पूर्व एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के लिए प्रचार भी किया और समर्थन भी दिया।

अध्यक्ष पद पर सफल प्रत्यासी रितिक पांडेय कहते हैं ‘संघर्षों से निकलता हूं, तभी आपका दर्द समझता हूं’। वे अपनी सफलता का श्रेय छात्र छात्राओं के समर्थन और अपने कार्यकर्ताओं के परिश्रम को देते हैं। रितिक कहते हैं कि उनके समर्थक ठंड की परवाह किए बिना सुबह से लेकर देर शाम तक प्रचार में जुटे रहे। जिसके कारण उन्हें सफलता मिली। 

इस बार के छात्रसंघ चुनाव में पिथौरागढ़ महाविद्यालय को कैंपस में बदलने का मुद्दा काफी प्रभावी था। हाल ही में पिथौरागढ़ महाविद्यालय को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा का एक कैंपस बना दिया गया। इसको लेकर दोनों छात्र संगठन के विचार अलग-अलग थे। एबीवीपी कैंपस बनाने का समर्थन कर रही थी तो वहीं एनएसयूआई विरोध। एबीवीपी प्रत्यासी रितिक पांडेय की जीत से से स्पष्ट हो गया कि छात्रों के एक बड़े वर्ग ने कैम्पस बनाए जाने का समर्थन किया।

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प्राथमिकताएं

नवनिर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष रितिक पांडेय आत्मविश्वास और उत्साह से भरे नजर आते हैं ।  उनका कहना है कि महाविद्यालय में सुविधाएं कम और समस्याएं ज्यादा हैं। उनकी प्राथमिकता केवल छात्र और छात्रहित है। पिथौरागढ़ परिसर में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सबसे बड़ा मुद्दा है शिक्षकों की तैनाती। छात्र छत्रों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव, साफ सुथरे शौचालय, पुस्तकों से सम्पन्न पुस्तकालय भी बड़ी चुनौती है। छात्रसंघ अध्यक्ष को परिसर कॉलेज और छात्रों की समस्या पर ज्यादा ध्यान देना होगा। छात्र हितों के लिए लड़ने का दावा करने वाले रितिक के लिए आने वाला समय चुनौती पूर्ण होने वाला है क्योंकि उनकी जीत के साथ ही छात्र छात्राओं की अपेक्षाएँ भी होंगी।

छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के साथ ही रितिक पांडेय ने एलएसएम महाविद्यालय में अर्थशास्त्र विषय में रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने की मांग को लेकर आंदोलन

किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में प्राध्यापकों के 6 पदों में से 2 पर ही शिक्षक कार्यरत है। विभाग प्रभारी डॉ. अभिषेक पंत को इग्नू, एनसीसी, पुस्तकालय सहित अन्य जिम्मेदारियां दी गई है। दो शिक्षकों के भरोसे 750 छात्र-छात्राओं को अध्ययन करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर कुलपति को पत्र भेजा है। उन्होंने शिक्षकों की नियुक्ति न होने पर उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है।

अभी हल ही में पिथौरागढ़ में नया महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर भी छात्रसंघ अध्यक्ष रितिक पांडेय के नेतृत्व में छात्रसंघ पदाधिकारियों ने एसएसजे विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका।

छात्रसंघ अध्यक्ष पांडेय ने कहा कि वर्ष 2016 में विण और मूनाकोट ब्लॉक में दो महाविद्यालय प्रस्तावित थे। लेकिन अब तक ये प्रस्तावित महाविद्यालय नहीं खोले गए हैं। अब जबकि पिथौरागढ़ महाविद्यालय को कैंपस का दर्जा दे दिया गया है तब पिथौरागढ़ नगर में ही नया महाविद्यालय खोला जाना चाहिए। उन्होंने महाविद्यालय शीघ्र नहीं खोलने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी।

छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के साथ ही रितिक पांडेय ने छात्र हितों के लिए संघर्ष के अभियान की शुरुआत कर दी। रितिक पांडेय के लिए संघर्ष की ऐसी कहानियाँ और भी होंगी।

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